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“Yachna Nahi ab Ran Hoga”: Air Marshal Ak Bharti warns Pakistan in the words of Ramdhari Singh Dinkar

Monday’s DGMO briefing presented the achievements of India’s actions to Pakistan.Military officials shared important latest news about how India is strong and successfully defending itself in the attack.
The moment that really stands out is when Marshal Ak Bharti starts the briefing, a powerful poem by Ramdhari Singh Dinkar is recited.
Here is Dinkar’s complete poem:

वषोंवन-में-घूम,

,
सह-घ-घघ, पपतथ,
पआये.
सौभनसबदिनहै,
देखें, आगेआगेहै। है।
मैतकीनेको,
सबको, ने,
दुयोधननेको,
भीषणभीषणवंसको,
भगव,
ये।

प, इसमेंइसमेंयदिहो,
तोदेदोकेवलंचंच,
अपनीती
हमहमखुशीसेसे,
पिजनअसिन!

दुयोधनवहभीदेसक
आशीषआशीषकीलेन,
उलटे, ह, हकोकोंधनेंधने
जो, स. . .
जबजबशहै,
पहलेविवेकहै। है।

हिने,
,
डगमग-डगमगडगमगज,
– बोले-
जंजीध,
ह, ह! मुझे।

यह, गगन, गगलय,
यह, पवन, पवनलय,
मुझमेंमुझमें,
मुझमेंमुझमेंलय
अमहैहै,
हैहै

,
भूमंडलभूमंडलथलथललथल,
भुजप-िधि-बनधेे,
मैनुेहैं।
दिपते,
सबसबेेमुखके.

दृगदृगतोयदेखदेख,
मुझमें, देख, देख,
जग, जग, क,
नशमनुषयअम.
शतकोटि, शत, शतशतकोटिकोटिकोटिकोटि
शत, स, सिनधुधुमन. .

शत, ब, महेश, महेश,
शतशतणुणु, धनेश,
शत, शत, शतशतकोटिकोटि,
शतशतकोटिकोटि
जञ,
! ब

भूलोक, अतल, प, प,
गत,
यहदेखआदिआदि-सृजन,
यह, मह, मह,
मृतकोंमृतकोंपटीभू,
पहच, इसमेंइसमेंंहै।

अम,
पदपदकेलल,
मुटठीमेंदेख,
मेूपलल
सबसबमसेसेहैं,
फिलौटमुझीआतेआते

जिहसेकढ़तीलल,
सम,
पड़,
हंसनेहंसनेलगतीटि!
मैंजभीहूंं,
छम

बतोहै,
जंजीबड़ीहैहै?
यदि,
पहलेपहलेंधतत
सूनेकोधन,
वहवहंधकबसकत?

हित-वचनवचनतूनेम,
मैत,
तो, मैं, मैंभीहूंं,
अनतिमतिमहूं। हूं।
,
जीवन-जयकि. .

टक,
बसेगीभूनिनि
फण,
विकल. .
दु! .
फिकभी. .

ईटूटेंगे,
विष-ब-ण-से,
वलसुख,
सौभयकेफूटेंगे।
आखि,
द. .

थी, सब, सब
चुपथेथेबेहोशबेहोश
केवलकेवलथथे,
धृतसुखसुखतेते
कजोड़खड़ेखड़े,
नि, दोनोंते’जय-जय’!

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